लेखनी प्रतियोगिता -26-Nov-2021
बेटियों की हत्या ना करें
क्या गलती है मेरी,
क्यों मेरा कर रहे हो क़त्ल,
आने दो मुझे इस धरा पर,
प्रेम भारी निगाहों से सबको निहारुँगी मैं,
सब का सम्मान आदर सत्कार करुंगी मैं,
सब का पूरा पूरा ध्यान रखूंगी मैं,
जब तुम करोगे मेरी हत्या,
मरी बेटियों की आत्माये एक बार फिर से रो पड़ेगी,
उनकी दफनायी लाशें फिर से चीख पड़ेगी,
ये सोच -सोच रो रही हूँ मैं,
माँ के गर्भ में,
मैं तो अभी गर्भ में हूँ,
किंतु गर्भ का भ्रूण भी सीखता है,
जैसे अभिमन्यु ने सीखा चक्रव्यू भेदने की कला,
बेटी हूँ तो क्या हुआ,
हक़ है मुझे भी जीने का,
इस धरा पर आकर,
उड़ान भरूंगी मैं नभ पर,
तैरना सीखूंगी गहरे जल पर,
मैं भी दौडूगी इस पथरीले थल पर,
क्यों की मुझे भी तो,
नाम रोशन करने का हक़ है,
फूलों की तरह हर बाग़ को महकाउंगी,
रिश्तो का सही अर्थ सबको समझाउंगी,
जीना -मरना सब ईश्वर की बदौलत है,
तो भला बेटियों को मारने का हक़ इंसान को कौन देता है,
बस आने दो मुझे इस जहाँ में,
प्रेम भरी नजरों से सबको निहारूंगी मैं,
क्या गलती है मेरी पूछूंगी मैं ये तब सब से,
बेटियों की हत्या ना करें ये कहूंगी मैं ये तब सब से।
प्रिया पाण्डेय "रौशनी"
kapil sharma
27-Nov-2021 10:19 AM
👍👍👍
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Farhat
27-Nov-2021 12:37 AM
Good
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